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भारत ने पाकिस्तानी सैन्य राजनयिकों को ‘Persona Non Grata’ घोषित किया, एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश।


नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025 — भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम( Pahlgam) में हुए आतंकवादी हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य राजनयिकों को ‘Persona Non Grata’ घोषित कर दिया है। इस निर्णय के तहत पाकिस्तान के डिफेंस, नेवल और एयर एडवाइजर्स सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय के पीछे “डिप्लोमेटिक मिशन की आड़ में आतंकवादियों को लॉजिस्टिक और फाइनेंशियल सपोर्ट देने” के गंभीर आरोपों को आधार बताया है। भारत का दावा है कि यह राजनयिक उन आतंकियों से संपर्क में थे जो हाल ही में पहलगाम में हुए हमले में शामिल पाए गए।
By-Sanjeet Choudhary

क्या है ‘Persona Non Grata’?

डिप्लोमैटिक शब्दावली में ‘Persona Non Grata’ का अर्थ होता है — “अवांछित व्यक्ति”। किसी भी देश को अधिकार होता है कि वह किसी विदेशी राजनयिक को अपने देश में रहने की अनुमति न दे। भारत द्वारा जारी नोट में स्पष्ट कहा गया है कि संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों को 1 मई तक देश छोड़ना होगा।

Pakistani Terrorist Image

कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थल पहलगाम से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें चार संदिग्ध आतंकवादी आधुनिक हथियारों से लैस होकर जंगल क्षेत्र में खड़े नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों के मुताबिक, यह तस्वीर पहलगाम के आसपास के घने जंगलों की बताई जा रही है। तस्वीर में दिख रहे युवकों के पास स्वचालित हथियार हैं, और वे सेना की तर्ज पर वर्दी और बेल्ट पहने हुए हैं। संदेह है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं।

अटारी-वाघा बॉर्डर पर 48 घंटे की डेडलाइन।

इसके अतिरिक्त भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों, जो भारत में अन्य उद्देश्यों से मौजूद हैं, को 48 घंटों के भीतर अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट के माध्यम से देश छोड़ने का निर्देश दिया है। यह कदम भारत की ओर से एक व्यापक राजनयिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

डिप्लोमैटिक स्टाफ में कटौती।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों देशों में डिप्लोमैटिक स्टाफ की संख्या को 55 से घटाकर 30 कर दिया गया है। यह फैसला द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक स्टाफ की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया गया है।

वियना कन्वेंशन का उल्लंघन:what is indus water treaty?

भारत सरकार ने पाकिस्तान पर वियना कन्वेंशन 1961 के अनुच्छेद 41 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जिसके तहत किसी भी राजनयिक को मेजबान देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होती।

भारत ने 1960 से चल रही इंडस वॉटर ट्रीटी को अस्थायी रूप से सस्पेंड करने का निर्णय लिया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया?

इस हमले और भारत की प्रतिक्रिया को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और रूस जैसे देशों ने हमले की निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को समर्थन दिया है। वहीं, पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक हथकंडा” करार दिया है।

पाकिस्तानी नैरेटिव कमजोर:

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को लेकर सख्त रुख देखा जा रहा है। TRF और ISI के लिंक उजागर हुए हैं।

इतिहास दोहराया गया:

भारत पहले भी आतंकवादी हमलों (जैसे उरी, पुलवामा) के बाद डिप्लोमैटिक कदम उठा चुका है।

विश्लेषण:

भारत द्वारा उठाए गए इस कदम को पाकिस्तान के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी डिप्लोमैटिक कार्रवाइयों में से एक माना जा रहा है। पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में लिया गया यह निर्णय आने वाले दिनों में भारत-पाक संबंधों को और प्रभावित कर सकता है।

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