भारत ने 29 मई 2025 को पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इलाकों में मॉक ड्रिल्स यानी नकली युद्धाभ्यास की घोषणा की है। इस खबर के बाद पाकिस्तान में चिंता का माहौल बन गया है। ये अभ्यास गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में किए जाएंगे। हरियाणा में इस ड्रिल को ‘ऑपरेशन शील्ड’ नाम दिया गया है।
By-Sanjeet Choudhary


मॉक ड्रिल का मतलब और मकसद क्या है??
मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है। अगर भविष्य में दुश्मन ड्रोन या मिसाइल से हमला करता है, तो लोगों को पता होगा कि एयर सायरन बजते ही घर के अंदर छिपना है और सुरक्षित रहना है। इसके साथ ही निकासी प्रक्रिया और ब्लैकआउट (बिजली कटौती) का भी अभ्यास होगा ताकि दुश्मन को हमलों के बारे में सूचना न मिल सके।
- एयर सायरन बजने पर क्या करना है
- घर में सुरक्षित कैसे रहना है
- कैसे छिपना है और क्या सावधानियां रखनी हैं
मॉक ड्रिल्स में क्या-क्या होगा?
- एयर रेड सायरन: जैसे ही दुश्मन के ड्रोन या फाइटर जेट सीमा पर नजर आएंगे, एयर रेड सायरन बजेंगे। इसका मतलब है कि सभी लोग तुरंत घर के अंदर जाएं और सुरक्षित रहें।
- ब्लैकआउट: अचानक पूरे इलाके की बिजली काट दी जाएगी ताकि दुश्मन को पता न चले कि लोग कहां-कहां मौजूद हैं। यह तकनीक आधुनिक समय में प्रतीकात्मक जरूर है, लेकिन यह चेतावनी देती है कि खतरा पास है।
- निकासी प्रक्रिया: स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल मिलकर बड़े इलाके से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास करेंगे।
- सुरक्षा प्रशिक्षण: स्थानीय अधिकारी, स्वयंसेवक और आम नागरिक इस ड्रिल में शामिल होंगे और सुरक्षा के नियम सीखेंगे।

हरियाणा क्यों है खास?
हरियाणा दिल्ली से सटा हुआ है और यहां एयर डिफेंस सिस्टम तैनात हैं जो राजधानी और पूरे उत्तर भारत की सुरक्षा करते हैं। पिछली बार जब पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल दागने की कोशिश की थी (जैसे “फतेह-2 मिसाइल”), तो उसे हरियाणा में ही इंटरसेप्ट कर लिया गया था।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर का कनेक्शन?
7 मई 2025 को भी भारत ने मॉक ड्रिल्स का ऐलान किया था, जिसके तुरंत बाद पाकिस्तान के कई शहरों में अंधेरा फैल गया था। जैसे बहावलपुर में नागरिकों ने उस रात का वीडियो रिकॉर्ड किया था। पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसमें गोल्डन टेंपल समेत कई महत्वपूर्ण जगहें थीं। लेकिन भारत ने हर हमले को सफलतापूर्वक रोक दिया और पाकिस्तान का लाहौर एयर डिफेंस सिस्टम भी नष्ट कर दिया गया।
भारत सरकार ने साफ किया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है, जिससे संकेत मिलते हैं कि आगे कुछ बड़ा हो सकता है। इस बीच मॉक ड्रिल्स से नागरिकों को तैयार रखना जरूरी हो गया है।


ब्लैकआउट क्यों जरूरी है?
आज के जमाने में जीपीएस और सटीक हथियारों के बावजूद ब्लैकआउट का अभ्यास बेहद जरूरी माना जाता है। यह लोगों को यह एहसास दिलाता है कि खतरा नजदीक है और उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैकआउट का मकसद सिर्फ दुश्मन को भ्रमित करना ही नहीं, बल्कि नागरिकों को सचेत करना भी है।

क्या आगे कुछ बड़ा हो सकता है?
भारत सरकार ने साफ कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। हाल ही में रक्षा मंत्री ने नौसेना अधिकारियों से भी मुलाकात की है। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में भारत कुछ बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
निष्कर्ष:
29 मई की मॉक ड्रिल्स भारत की सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा हैं। ये न सिर्फ दुश्मन को चेतावनी देती हैं, बल्कि देश की जनता को भी जागरूक और तैयार करती हैं। अगर आपके इलाके में मॉक ड्रिल हो रही है, तो इसमें जरूर हिस्सा लें और देश की सुरक्षा में अपना योगदान दें।