America-Pakistan Key Meeting; क्या अमेरिका फिर से कर रहा है बैलेंसिंग एक्ट?

हाल ही में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अमेरिका अपनी बैलेंसिंग नीति को फिर से सक्रिय कर रहा है।

America-Pakistan

अमेरिका हमेशा से कहता आया है कि भारत उसके लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण देश है और वह भारत के साथ व्यापार बढ़ाकर चीन के प्रभाव को कम करना चाहता है। इसके बावजूद, अमेरिका पाकिस्तान को भी समर्थन देता रहा है। इसका ताजा उदाहरण है कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया गया।

Asim Munir
Asim Munir

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनरल आसिम मुनीर से मुलाकात को सम्मानजनक बताया और उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह बैठक इस लिहाज से भी खास मानी जा रही है क्योंकि वर्तमान में ईरान और इजराइल के बीच युद्ध चल रहा है, और इस क्षेत्र में पाकिस्तान की भौगोलिक एवं रणनीतिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान ईरान का समर्थन कर रहा है, जबकि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी रणनीति को मजबूत करना चाहता है।

India
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भारत ने इस बैठक पर स्पष्ट कर दिया है कि भारत-पाकिस्तान के विवादों में किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शिमला समझौते के तहत यह मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच सुलझाया जाना चाहिए।

G7 सम्मेलन में भी प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया और कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा बनने से रोकना जरूरी है। उन्होंने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे अपने स्वार्थ के तहत कुछ देशों पर प्रतिबंध लगाते हैं, जबकि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को संरक्षण देते हैं।

G7
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अमेरिका का यह कदम पाकिस्तान के साथ संबंधों को पुनः मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है, लेकिन भारत इसे संदेह की नजर से देख रहा है। कई लोग मानते हैं कि अमेरिका इस कदम के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का दावा कर रहा है, जिसे भारत ने साफ नकार दिया है।

सामान्य तौर पर, यह बैठक अमेरिका की भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें अफगानिस्तान से पीछे हटने के बाद पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को फिर से स्थापित करने की कोशिश हो रही है। वहीं, भारत किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता।

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