संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हमला किया है। B-2 Stealth Bomber डिएगो गार्सिया से उड़ान भरकर ईरानी हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए। इन स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान की तीन महत्वपूर्ण न्यूक्लियर सुविधाओं—Fordow (फोर्डो), Natanz (नतांज़), और Isfahan (इस्फहान)—पर सटीक बंकर-बस्टर बम गिराए। अमेरिकी हमले को दो नामों से संदर्भित किया गया है—“Operation Midnight Hammer” और “Operation Rising Lion” जिसमें यूएस ने अपनी ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसे कई डिफेंस विश्लेषकों ने ‘spektakular’ बताया।

US attack on Iran ‘डिकॉय’ टैक्टिक
यूएस ने ईजराइल के सहयोग से पहले कुछ डीकॉय बॉम्बर भेजे ताकि ईरान भ्रमित हो जाए। इसके बाद असल बी‑2 बॉम्बर पूर्वी मार्ग से सीधे निशाने पर पहुँचे। इस रणनीति ने रूस और चीन को भी चौंका दिया, क्योंकि ये देश ईरान को एयर डिफेंस अलर्ट देने की कोशिश कर रहे थे।

मिशन की दूरी और तकनीकी ताकत
B-2 Stealth Bomber ने लगभग अर्ध-विश्व दूरी तय की—हवाई से गुआम, फिर डिएगो गार्सिया होते हुए ईरान। स्टील्थ तकनीक के कारण इन विमानों को ट्रैक करना लगभग असंभव था, और कोई विमान नहीं गिरा।

बंकर-बस्टर बम और अंडरग्राउंड अलिशान सुविधाएँ
यूएस ने GBU‑57 बंकर-बस्टर बम का इस्तेमाल किया, जिसे 60 मीटर तक penetrate करने में सक्षम बताया जाता है। फोर्डो सुविधा लगभग 90 मीटर जमीन के नीचे है—एक पहाड़ी के अंदर—और यूएस का दावा है कि बमों की श्रृंखला से यह पूरी तरह नष्ट हो गई। लेकिन ईरान इसका खंडन करता रहा है और कहता है कि क्षति सीमित रही।

वैश्विक प्रतिक्रियाएँ और भविष्य
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह विशुद्ध टेक्नोलॉजिकल जीत है, जिसने दुनिया को दिखाया है कि “शांति के लिए ताकत जरूरी है।” इस हमले के बाद ईरान ने अमेरिका को आतंकवाद का “#1 state sponsor” करार दिया है और प्रतिशोध की चेतावनी दी है। यमन और लेबनॉन में इसके सहयोगी सक्रिय हो सकते हैं, और स्ट्रेट ऑफ़ हुरमोज में तेल परिवहन बाधित हो सकता है—इससे वैश्विक तेल आपूर्ति में 20% गिरावट आ सकती है।
निष्कर्ष
यह हमला केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि तकनीकी और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन था। स्टील्थ, परमाणु रहित लक्ष्य-सटीकता और डीकॉय रणनीति—इन सबने मिलकर यूएस पर ईरानियों की एयर डिफेंस को बेअसर कर दिया। दुनिया अब ईरान की प्रतिशोध रणनीतियों पर नजर गड़ाए हुए है।