मिडिल ईस्ट की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को G7 सम्मेलन बीच में छोड़कर वापस आना पड़ा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में G7 सम्मेलन में शामिल हैं। ट्रंप ने एक कड़क चेतावनी दी, जिससे ईरान की राजधानी तेहरान में अफरा-तफरी मच गई। ट्रंप ने कहा, “सब लोग तुरंत तेहरान छोड़ दें।”
तेहरान में क्या हो रहा है?
ट्रंप की चेतावनी के बाद तेहरान में लोगों ने घबराकर पेट्रोल पंप और एटीएम पर लंबी लाइनें लगाईं। कई लोग शहर छोड़कर भागने लगे। करीब 60,000 लोग 2 दिन में विस्थापित हो गए। मोबाइल और इंटरनेट भी कई जगह बंद हो गए। ईरान सरकार ने कहा कि शहर खाली करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ जगह कर्फ्यू लगा दिया गया।
ईरान और इजराइल का संघर्ष:
ईरान और इजराइल के बीच हवाई हमले और सैन्य तनाव बढ़ रहा है। इजराइल ईरान की परमाणु सुविधाओं को नष्ट करना चाहता है। हाल ही में इजराइल ने ईरान के टीवी स्टेशन पर हमला किया। ईरान भी जवाबी हमले कर रहा है।
ट्रंप की चेतावनी का कारण:
ट्रंप ने कहा कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना जरूरी है। पहले बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौता (न्यूक्लियर डील) किया था, लेकिन ट्रंप ने अपने कार्यकाल में इसे रद्द कर दिया। इसके बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दी, जिससे वह परमाणु बम बना सकता है। ट्रंप ने ईरान को समझौता करने के लिए कहा, वरना बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने आखिरी में कहा, “तेहरान तुरंत खाली करो,” जिससे वहां डर फैल गया।
ट्रंप की चेतावनी का असर:
ट्रंप की बातों से लग रहा है कि अमेरिका जल्द इस मामले में ज्यादा सक्रिय हो सकता है। अगर बातचीत नहीं हुई, तो बड़े सैन्य हमले हो सकते हैं। अमेरिका और इजराइल मिलकर योजना बना रहे हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया:
G7 देशों ने इस स्थिति को रोकने की कोशिश की है, लेकिन ट्रंप शामिल नहीं हुए। NATO ने चेतावनी दी है कि युद्ध शुरू हुआ तो पूरा मिडिल ईस्ट तबाह हो सकता है। सऊदी अरब, कतर और ओमान मध्यस्थता कर रहे हैं। इराक और सीरिया भी इस संघर्ष से प्रभावित हो सकते हैं।
भारत का हाल:
ईरान में लगभग 10,000 भारतीय हैं। भारत सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही है। हवाई मार्ग बंद होने की वजह से लोग अर्मेनिया की सीमा की तरफ जा रहे हैं, जहां से उन्हें भारत लाया जाएगा।
नया प्रस्ताव:
G7 सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि ट्रंप ने एक डील का प्रस्ताव रखा है। अगर ईरान यूरेनियम संवर्धन 60% से कम कर दे तो इजराइल हमले बंद कर सकता है। ईरान ने कहा कि वह डील के लिए तैयार है, लेकिन पहले इजराइल को हमले रोकने होंगे।
अमेरिका की सैन्य तैयारी:
अमेरिका ने अपने सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा है। पर्शियन गल्फ में युद्धपोत तैनात हैं। कतर में बॉम्बर और इराक-यूएई में मिसाइल सिस्टम भेजे गए हैं। इजराइल के साथ खुफिया जानकारी साझा की जा रही है।
आगे क्या होगा?
स्थिति बहुत नाजुक है। उम्मीद है कि बातचीत से विवाद सुलझ जाएगा, लेकिन अगर नहीं तो बड़ा युद्ध हो सकता है।