Language Dispute in Karnataka: SBI’s Woman Manager Transferred:बिहार की बेटी ने लगाया भेदभाव का आरोप,

घटना कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित एसबीआई बैंक की है, जहां एक महिला ब्रांच मैनेजर को केवल इसलिए विवादों का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने कन्नड़ भाषा में बात नहीं की। वायरल वीडियो में वह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि “यह भारत है, हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है, मैं हिंदी में ही बात करूंगी।” ग्राहक उन्हें कन्नड़ बोलने के लिए मजबूर करता रहा। इस बहस के बाद बैंक ने बयान जारी कर उनके व्यवहार को अनुचित बताया, उनसे माफी मंगवाई गई और उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी को भारत में काम करने के लिए राज्य की क्षेत्रीय भाषा जानना अनिवार्य है? क्या हिंदी बोलना गुनाह है? यह खबर सिर्फ एक कर्मचारी से जुड़ी नहीं है, बल्कि पूरे देश में भाषायी सम्मान और अधिकार की बहस को उजागर करती है।

क्या है मामला?

बिहार की रहने वाली बैंक मैनेजर बेंगलुरु (कर्नाटक) के एसबीआई (SBI) बैंक की चंदापुर शाखा में मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं। एक दिन बैंक में एक ग्राहक ने उनसे कन्नड़ भाषा में बात करने की मांग की।

चंदापुर की SBI ब्रांच में मैनेजर बिहार की रहने वाली हैं, को एक ग्राहक के साथ बहस के बाद ट्रांसफर कर दिया गया। वजह? उन्हें कन्नड़ भाषा नहीं आती और उन्होंने हिंदी में बात की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

रचा शर्मा ने ग्राहक से हिंदी में बात की, लेकिन ग्राहक ने उनसे कन्नड़ में बात करने की जिद की। रचा ने कहा, “यह भारत है, हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है, मैं हिंदी में ही बोलूँगी।” ग्राहक ने कहा, “पहले कन्नड़, फिर देश।” बहस बढ़ गई और इसका 1 मिनट 23 सेकंड का वीडियो वायरल हो गया।

ने जवाब दिया –

मैं कन्नड़ नहीं जानती। मैं हिंदी में बात करूंगी क्योंकि यह भारत है और हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है।

इस पर ग्राहक ने कहा –

पहले कन्नड़, फिर देश!

इस बातचीत का वीडियो वायरल हो गया।


Language Dispute in Karnataka
Language Dispute in Karnataka

बैंक की प्रतिक्रिया

SBI ने बयान जारी कर कहा कि वे इस व्यवहार से चिंतित हैं और ग्राहकों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे। रचा को माफी माँगने के लिए कहा गया और उनका ट्रांसफर कर दिया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इसकी निंदा की और कहा कि कन्नड़ या अंग्रेजी में बात करने से इनकार करना नागरिकों का अपमान है।

राजनीति में बवाल

बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने इसे कांग्रेस की बाँटने वाली राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाषा और जाति के नाम पर लोगों को बाँटती है। रचा ने IBPS जैसी कठिन परीक्षा पास करके SBI में मैनेजर का पद हासिल किया, लेकिन सिर्फ कन्नड़ न बोल पाने की वजह से उन्हें अपमानित किया गया।

बिहार से अपील

लोगों का कहना है कि अगर बिहार की बेटी के साथ अन्याय हुआ है, तो इसकी जाँच होनी चाहिए। बिहार में भी दक्षिण भारत के कई अधिकारी काम करते हैं, लेकिन उनसे कभी भोजपुरी या मैथिली बोलने की माँग नहीं की गई। बिहार हमेशा भावनाओं से लोगों को जोड़ता है, न कि भाषा से। फिर बिहारी बेटियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों?

लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले की जाँच की माँग कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़े, तो कर्नाटक सरकार से बात हो। संविधान हर भारतीय को किसी भी राज्य में सम्मान से काम करने का अधिकार देता है। हिंदी बोलना अपराध नहीं है, और अपने हक के लिए बोलना गुनाह नहीं हो सकता।

मुख्य संदेश
  • हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा है।
  • किसी राज्य में काम करने के लिए स्थानीय भाषा आना ज़रूरी नहीं होना चाहिए।
  • हमारे देश में भाषाई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

नतीजा

यह मामला केवल भाषा का नहीं है, यह सम्मान, एकता और अधिकार का मुद्दा बन चुका है। बिहार की यह बेटी कह रही है:

हिंदी बोलना गुनाह नहीं है। अपने हक के लिए बोलना अपराध नहीं हो सकता।



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