आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में लगातार हो रहे तेज़ बदलावों के बीच, Open AI ने दो नए ओपन-वेट एआई मॉडल — Open AI GPT-OSS-120B और GPT-OSS-20B — को लॉन्च कर दिया है। GPT-5 के आने से पहले, यह एक बड़ा संकेत है कि ओपनएआई अब केवल प्रीमियम मॉडल्स तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि डेवलपर समुदाय को भी स्वतंत्र और शक्तिशाली टूल्स देना चाहता है।
क्या है GPT-OSS सीरीज की खास बात?
GPT-OSS ये दोनों मॉडल Apache 2.0 लाइसेंस के तहत उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे डेवलपर्स इन्हें अपने सिस्टम पर डाउनलोड करके उपयोग कर सकते हैं, कस्टमाइज़ कर सकते हैं और यहां तक कि साधारण लैपटॉप या छोटे सर्वर पर भी चला सकते हैं। इन्हें Hugging Face जैसे ओपन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मुफ्त में एक्सेस किया जा सकता है।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने इन मॉडलों को “AI के ओपन फ्यूचर की दिशा में एक निर्णायक क़दम” बताया है। जहां अधिकांश बड़े भाषा मॉडल हाई-एंड हार्डवेयर और क्लाउड-सर्वर पर निर्भर रहते हैं, वहीं GPT-OSS सीरीज को उपभोक्ता-स्तरीय डिवाइस पर चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

GPT-OSS मॉडल का तकनीकी मूल्यांकन:
1 -GPT-OSS-20B: यह छोटा और हल्का मॉडल 20 बिलियन पैरामीटर के साथ आता है। इसकी कार्यक्षमता GPT-3.5 Mini के समकक्ष है और यह 16GB GPU वाले सामान्य हार्डवेयर पर काम करने में सक्षम है।
2 -GPT-OSS-120B: यह 120 बिलियन पैरामीटर वाला विशाल मॉडल है, जो “कोर रीजनिंग” यानी मूलभूत सोचने-समझने की क्षमताओं में ओपनएआई के ओ4 मिनी मॉडल के बराबर प्रदर्शन करता है। इसे 80GB GPU मेमोरी वाले डिवाइस पर रन किया जा सकता है।
क्या कर सकते हैं ये मॉडल?
हालांकि ये मॉडल मल्टीमॉडल नहीं हैं — यानी इमेज, वीडियो या ऑडियो जेनरेट करने की क्षमता इनमें नहीं है — फिर भी टेक्स्ट जेनरेशन के क्षेत्र में ये काफी एडवांस हैं। इन्हें खासतौर पर एजेंटिक वर्कफ्लो के लिए बनाया गया है, जैसे कि वेब सर्च, कोड जनरेशन (Python सहित), डेटा एनालिसिस और बहुत कुछ।
इनकी प्रमुख विशेषताएं:
- समर्थ रीजनिंग: यूज़र्स को रीजनिंग स्तर सेट करने की आज़ादी मिलती है — बेसिक से लेकर एडवांस तक।
- उच्च स्तर का अनुकूलन: डेवलपर्स अपनी ज़रूरतों के अनुसार इन मॉडल्स को फाइन-ट्यून कर सकते हैं।
- “चेन ऑफ थॉट” सपोर्ट: इनबिल्ट लॉजिक और सोचने की प्रक्रिया ट्रैक करने की सुविधा, जिससे मॉडल के निर्णयों को समझा और डिबग किया जा सकता है।
- संरचित आउटपुट जेनरेशन: उत्तर केवल शब्दों में नहीं, बल्कि उपयोगी और व्यवस्थित फॉर्मेट में आते हैं — JSON, टेबल, कोड आदि।
ऑल्टमैन की बातों में क्या छिपा है भविष्य का संकेत?
सैम ऑल्टमैन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इन मॉडलों को “दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ओपन एआई मॉडल्स” में गिना। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब कोई भी डेवलपर इन टूल्स को स्थानीय रूप से अपने कंप्यूटर या यहां तक कि स्मार्टफोन पर भी चला सकता है। यह टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में बड़ा क़दम है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ओपनएआई ने बायोसिक्योरिटी और सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखकर ट्रेनिंग और रिलीज़ प्रक्रिया को बेहद सुरक्षित बनाया है। उद्देश्य है — उपयोगिता को अधिकतम और संभावित हानि को न्यूनतम करना।
निष्कर्ष:
GPT-OSS-120B और GPT-OSS-20B केवल दो नए मॉडल नहीं हैं — ये संकेत हैं उस दिशा के, जिसमें एआई केवल कंपनियों के सर्वरों तक सीमित नहीं रहेगा। अब आम डेवलपर, स्टार्टअप या शोधकर्ता भी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर सकेगा, वह भी ओपन-सोर्स के रूप में और स्थानीय रूप से।
ओपनएआई का यह कदम तकनीक के लोकतंत्रीकरण की तरफ बड़ा और साहसिक प्रयास है, जो भारत जैसे देशों में इनोवेशन और आत्मनिर्भरता को नई दिशा दे सकता है। भविष्य में, जब GPT-5 जैसे प्रीमियम मॉडल्स आएंगे, तब भी GPT-OSS जैसे मॉडल्स दुनिया भर में टेक्नोलॉजी को समतामूलक बनाने में योगदान देंगे।