आज की तेजी से डिजिटल होती दुनिया में ऑनलाइन लोन लेना आसान हो गया है, लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी और उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ी हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन समस्याओं को देखते हुए नए डिजिटल लेंडिंग नियम लागू किए हैं, जो उधारकर्ताओं को पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर आप ऑनलाइन लोन लेने की सोच रहे हैं, तो ये नियम आपके लिए बेहद जरूरी हैं। आइए, जानते हैं कि ये नियम क्या हैं और ये आपकी कैसे मदद करेंगे।
BY-Sanjeet Choudhary
क्या दिक्कत थी?
- बहुत ज्यादा ब्याज लिया जाता था।
- छुपे हुए चार्जेस होते थे।
- बिना इजाजत के फोन से डाटा लिया जाता था।
- समय पर पैसा ना चुकाने पर कॉल्स, गालियां, और घर तक एजेंट भेज दिए जाते थे।
- कई फर्जी ऐप्स लोगों को धोखा देकर पैसा भी लूट रहे थे।
- इन्हीं परेशानियों को देखते हुए अब RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 13 मई 2025 से नया डिजिटल लोन नियम लागू कर दिया है।
किन पर लागू होंगे ये नए नियम?
1- सभी रेगुलेटेड संस्थाएं – जैसे कि बैंक, कोऑपरेटिव बैंक, NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां), NABARD, SIDBI आदि।
2 – डिजिटल लोन ऐप्स जो इन संस्थाओं से टाईअप करके लोन देते हैं।
नए नियमों में क्या खास है?
1. पारदर्शिता ज़रूरी:
- लोन लेने से पहले आपको सभी विकल्प दिखाए जाएंगे।
- ब्याज दर, लोन अवधि, EMI, लेट फीस आदि की पूरी जानकारी मिलेगी।
- किस बैंक या NBFC से लोन मिल रहा है, यह भी साफ-साफ लिखा होगा।
2. पैसा सीधे आपके अकाउंट में:
- अब कोई थर्ड पार्टी या ऐप लोन की राशि को रोक नहीं पाएगी।
- पैसा सीधे बैंक से आपके अकाउंट में आएगा और वापस भी सीधे बैंक को ही जाएगा।
3. बिना आपकी मंजूरी के पैसा नहीं कटेगा:
- EMI ऑटो डेबिट तब ही होगा जब आप खुद इसकी मंजूरी देंगे।
4. डाटा प्राइवेसी:
- ऐप बिना पूछे आपके फोन से कोई डाटा नहीं ले सकता – जैसे contacts, SMS, photos आदि।
- डाटा भारत में ही स्टोर करना होगा।
- आप चाहें तो ऐप को कभी भी डाटा एक्सेस से रोक सकते हैं।
5. फर्जी ऐप्स से बचाव:
- 1 जुलाई 2025 से RBI अपनी वेबसाइट पर सिर्फ वैध डिजिटल लोन ऐप्स की लिस्ट जारी करेगा।
- 15 जून तक सभी बैंक और कंपनियों को बताना होगा कि वे किस-किस ऐप के साथ टाईअप में हैं।
6. “कूलिंग ऑफ” पीरियड:
- लोन लेने के बाद यदि आप पैसे इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो एक निश्चित समय (जैसे 15 दिन) के अंदर आप लोन रद्द कर सकते हैं।
7. दस्तावेज़ और रसीद जरूरी:
- हर लोन के लिए एक “Key Fact Statement” मिलेगा जिसमें सब जानकारी होगी।
- EMI या पेमेंट करने के बाद आपको डिजिटल रसीद भी मिलेगी।
8. शिकायत करने की सुविधा:
- हर बैंक या NBFC को एक शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) नियुक्त करना होगा।
- शिकायतों को 30 दिन में सुलझाना जरूरी होगा।
- अगर समस्या हल ना हो, तो आप RBI Ombudsman के पास शिकायत कर सकते हैं।
ये नियम जरूरी क्यों हैं?
- कोविड के बाद डिजिटल लोन ऐप्स की बाढ़ आ गई थी।
- अनरजिस्टर्ड ऐप्स बहुत नुकसान पहुंचा रहे थे – कुछ मामलों में तो लोग आत्महत्या तक कर बैठे।
- ये नियम लोन लेने वालों को सुरक्षा देने और सिस्टम को साफ-सुथरा बनाने के लिए लाए गए हैं।
फायदे किसे होंगे?
वर्ग | फायदा |
---|---|
लोन लेने वाले | पारदर्शिता, सुरक्षा, सही ब्याज दर |
लोन देने वाले | भरोसे का माहौल, फ्रॉड से सुरक्षा |
सरकार/RBI | निगरानी में आसानी, डाटा का नियंत्रण |
निष्कर्ष: RBI का यह कदम डिजिटल लोन सिस्टम को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा। अब लोग बिना डर के सही जानकारी के आधार पर लोन ले सकेंगे और फर्जी ऐप्स की मनमानी रुकेगी।
Read More-