Trump vs. Ramaphosa: ‘White Genocide;विवाद से अमेरिका-साउथ अफ्रीका रिश्तों में तनाव.

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच व्हाइट हाउस में एक तीखी बहस हुई। यह विवाद “व्हाइट जेनोसाइड” (White Genocide) के आरोपों को लेकर था, जिसे ट्रंप ने रामफोसा के सामने उठाया।

By-Sanjeet Choudhary

What is ‘White Genocide’क्या है ‘वाइट जेनोसाइड’?

वाइट जेनोसाइड’ एक कॉनस्पिरेसी थ्योरी (षड्यंत्र सिद्धांत) है जिसे कुछ फार-राइट ग्रुप्स (अत्यंत दक्षिणपंथी गुट) फैलाते हैं। उनका दावा है कि साउथ अफ्रीका में वाइट फार्मर्स (सफेद किसान) को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, और सरकार इस पर आंख मूंदे बैठी है या खुद इसमें शामिल है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों ने इस दावे को बेबुनियाद बताया है। बीबीसी, रॉयटर्स और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के अनुसार, साउथ अफ्रीका में फार्म अटैक्स (खेतों पर हमले) होते हैं, लेकिन उनके पीछे अधिकतर कारण लूटपाट और आपराधिक गतिविधियां होती हैं — न कि किसी नस्लीय साजिश के तहत।

Trump vs. Ramaphosa: 'White Genocide' Controversy Strains US-South Africa Relations
Trump vs. Ramaphosa: ‘White Genocide’ Controversy Strains US-South Africa Relations

व्हाइट हाउस में क्या हुआ?

व्हाइट हाउस में जब दोनों नेताओं की बैठक चल रही थी, तब ट्रंप ने अचानक कमरा अंधेरा कर एक वीडियो दिखाया, जिसमें कुछ कब्रें और एक रेडिकल नेता जूलियस मेलेमा के भाषण थे। वीडियो में वाइट फार्मर्स के खिलाफ भड़काऊ बातें दिखाने की कोशिश की गई थी।

रामफोसा ने शांत रहते हुए जवाब दिया:

  • यह वीडियो 2020 के एक प्रोटेस्ट मेमोरियल का हिस्सा है, न कि किसी हालिया घटना का।
  • जिन कब्रों को दिखाया गया, वे वास्तविक कब्रें नहीं थीं
  • मेलेमा सरकार का हिस्सा नहीं हैं, और उनके विचार सरकार की नीति नहीं दर्शाते।

डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने इसके बाद:

मीटिंग के दौरान ट्रंप ने अचानक एक वीडियो चलवाया जिसमें कब्रें और भड़काऊ भाषण दिखाए गए। वीडियो में विपक्षी नेता जूलियस मेलेमा द्वारा कथित रूप से श्वेत फार्मर्स के खिलाफ भाषण दिखाया गया था। ट्रंप ने आरोप लगाया कि यह साउथ अफ्रीकी सरकार के संरक्षण में हो रहा है और इसे “मास किलिंग ऑफ वाइट फार्मर्स” बताया।

  • साउथ अफ्रीका को मिलने वाली कुछ विदेशी सहायता (foreign aid) पर रोक लगा दी।
  • यह भी कहा कि अमेरिका में रह रहे वाइट साउथ अफ्रीकन फार्मर्स को रिफ्यूजी स्टेटस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

रामफोसा का जवाब

रामफोसा ने कहा कि:

रामफोसा ने बेहद संयम से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपराध सभी जातियों के खिलाफ होता है और अधिकांश पीड़ित अश्वेत साउथ अफ्रीकन होते हैं। उन्होंने वीडियो को गलत बताया और कहा कि जो ग्रेव्स दिखाए गए, वे असल में कब्रें नहीं थीं, और वीडियो पुराने विरोध प्रदर्शन का था।

  • साउथ अफ्रीका कानूनी और पारदर्शी तरीकों से भूमि सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
  • उनका देश गैर-नस्लीय लोकतंत्र का समर्थक है।
  • ट्रंप का यह कदम अंतरराष्ट्रीय संबंधों और घरेलू सामाजिक संतुलन को बिगाड़ सकता है

क्या यह जेनोसाइड है?

अब तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था या डेटा से यह साबित नहीं हुआ है कि साउथ अफ्रीका में वाइट फार्मर्स को एक खास जाति के तहत टारगेट किया जा रहा है। अधिकतर हमलों का मकसद लूटपाट या निजी दुश्मनी होता है — न कि नस्लीय सफाया।

डिप्लोमैटिक असर

इस विवाद के बाद साउथ अफ्रीका ने ट्रंप की बातों की निंदा की। अमेरिका में ट्रंप समर्थकों (विशेषकर राइट विंग) ने उनके स्टैंड को सराहा, लेकिन दुनियाभर में मीडिया और अन्य देशों ने इसे ‘रेशियल मिसइंफॉर्मेशन’ बताया।

ट्रंप ने इसके बाद साउथ अफ्रीका को मिलने वाली विदेशी मदद रोक दी और वादा किया कि अमेरिका में रह रहे वाइट साउथ अफ्रीकन फार्मर्स को रेफ्यूजी स्टेटस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

रामफोसा ने जवाब में आर्थिक सहयोग और ट्रेड पर फोकस करने की बात दोहराई और कहा कि उनकी सरकार लोकतंत्र, नॉन-रेशियलिज़्म और पारदर्शी ज़मीन सुधार की नीति पर काम कर रही है।

निष्कर्ष

ट्रंप का यह रवैया उनके राइट-विंग समर्थक वोटरों को ध्यान में रखकर हो सकता है। वहीं, रामफोसा ने विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से संभालने की कोशिश की और ट्रेड \और इन्वेस्टमेंट पर फोकस बनाए रखने की बात कही।


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