
भारत सरकार द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लाने का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुधार लाना है। यह विधेयक वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को और अधिक संगठित एवं जवाबदेह बनाएगा।
वक्फ संपत्तियां भारत में तीसरे सबसे बड़े भूमि स्वामी के रूप में जानी जाती हैं, जिनका कुल मूल्य 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। लेकिन इन संपत्तियों के दुरुपयोग, अवैध कब्जे और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर लंबे समय से विवाद बना हुआ है।
इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और प्रबंधन से जुड़े नियमों को सख्त बनाना, गैर-कानूनी अतिक्रमण रोकना और पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा देना है। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की जवाबदेही तय करेगा और सरकारी निगरानी को मजबूत करेगा।
By-Sanjeet
वक्फ क्या है:What is Waqf?
- वक्फ का मतलब किसी संपत्ति को धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए दान करना होता है।
- इसमें दरगाह, मस्जिद,(Mosques (Masjid) आश्रय गृह, शैक्षणिक संस्थान आदि शामिल होते हैं।
- कोई भी मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति को वक्फ बोर्ड के अधीन दान कर सकता है।
भारत में वक्फ बोर्ड की स्थिति:
सबसे बड़े भूमि मालिक:
- भारतीय सशस्त्र बल (Armed Forces)
- भारतीय रेलवे (Railways)
- वक्फ बोर्ड (Waqf Board)
- भारत में 30 से अधिक राज्य वक्फ बोर्ड हैं, जो अलग-अलग राज्यों में कार्य करते हैं।
- भारत में वक्फ संपत्तियों का कुल मूल्य: लगभग 1,20,000 करोड़ रुपये।
वक्फ बोर्ड के कार्य और अधिकार?
- वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्य दान की गई संपत्तियों की देखभाल और सही उपयोग सुनिश्चित करना है।
- 1954 के वक्फ अधिनियम के अनुसार, यदि कोई मुस्लिम भारत छोड़कर पाकिस्तान या अन्य देश जाता है, तो उसकी संपत्ति वक्फ बोर्ड के अधीन आ जाती है।
- 1995 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, वक्फ बोर्ड को नई भूमि दी गई थी।
क्या वक्फ बोर्ड किसी भी भूमि पर दावा कर सकता है?
- वक्फ बोर्ड केवल उन्हीं संपत्तियों पर दावा कर सकता है जहां ऐतिहासिक रूप से कोई धार्मिक या परोपकारी उपयोग हुआ हो।
- यदि किसी मस्जिद, दरगाह, या वक्फ संपत्ति को हटाकर कोई अन्य संरचना बनाई गई हो, तो वक्फ बोर्ड उस पर दावा कर सकता है।
- तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने पूरे एक गाँव पर दावा किया था, जिससे विवाद बढ़ गया।
- वक्फ संपत्तियाँ स्थायी रूप से धर्मार्थ और धार्मिक उपयोग के लिए होती हैं, इसलिए उन्हें वापस लेना या बेचना आसान नहीं है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के प्रभाव?
- इस नए संशोधन से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और नियंत्रण में बड़े बदलाव होंगे।
- सरकार वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और अवैध कब्जे को रोकने के लिए सख्त नियम लागू कर सकती है।
- इस संशोधन का सीधा असर वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों पर पड़ेगा।
- वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और संरक्षण की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाएगा।
- अवैध अतिक्रमण और दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उनके दायित्वों को पुनः परिभाषित किया जाएगा।
- संपत्तियों की जांच और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सरकार की भूमिका को और मजबूत किया जाएगा।
- वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी और इससे जुड़े विवादों का निपटारा भी अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन.
1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद, जो मुस्लिम लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए, उनकी जमीनें वक्फ बोर्ड को सौंप दी गईं।
वक्फ अधिनियम 1954 में यह प्रावधान किया गया कि यदि कोई मुस्लिम व्यक्ति भारत छोड़कर किसी अन्य देश में बस जाता है, तो उसकी संपत्ति वक्फ बोर्ड के अधीन आ जाएगी। इस नियम के कारण विभाजन के बाद कई संपत्तियां वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में चली गईं।
इस कानून को लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह था कि धार्मिक और जनहित के कार्यों के लिए छोड़ी गई संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो। हालांकि, समय के साथ इन संपत्तियों को लेकर कई विवाद और कानूनी चुनौतियां भी सामने आईं, जिनमें स्वामित्व के अधिकार, अवैध कब्जे और प्रशासनिक अनियमितताएं प्रमुख मुद्दे रहे हैं।
अगर कोई गैर-वक्फ व्यक्ति या संस्था ने वक्फ संपत्ति पर कब्जा कर लिया हो?
- अतिक्रमण हटाने के लिए वक्फ बोर्ड कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
- वक्फ ट्रिब्यूनल इस तरह के मामलों की सुनवाई करता है और अगर कब्जा अवैध पाया जाता है, तो अदालतें संपत्ति को वापस दिला सकती हैं।
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भी वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों पर निर्णय देते हैं।
क्या सरकार वक्फ संपत्तियों को वापस ले सकती है?
वक्फ संपत्तियाँ इस्लामी धर्मार्थ और धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की जाती हैं और एक बार वक्फ घोषित हो जाने के बाद, उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, सरकार और न्यायालय के माध्यम से वक्फ संपत्तियों पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
- सार्वजनिक उद्देश्य (Public Purpose) के लिए, सरकार वक्फ संपत्तियों का अधिग्रहण कर सकती है, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया और उचित मुआवजे का पालन करना जरूरी है।
- यदि कोई वक्फ संपत्ति सरकारी परियोजनाओं (जैसे सड़क, रेलवे, सार्वजनिक सुविधाओं) के लिए आवश्यक होती है, तो उसे सरकार अधिग्रहित कर सकती है, लेकिन इस पर अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
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