हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर बेहद सख्त और खुली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ईरान को बिना किसी शर्त के सरेंडर (हार मानना) करना होगा। ट्रंप की इस मांग ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। वो चाहते हैं कि ईरान भी वैसे ही हार मान ले जैसे 1971 में पाकिस्तान ने भारत के सामने सरेंडर किया था।
ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि उन्हें पता है ईरान के सुप्रीम लीडर कहां छुपे हैं। उन्होंने कहा कि वो उन्हें मार सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि अमेरिका नहीं चाहता कि आम नागरिक या अमेरिकी सैनिक मारे जाएं।
क्या अमेरिका ईरान में पहले ही सक्रिय है?
ट्रंप के करीबी और रिपब्लिकन नेता टेड क्रूज़ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इशारा किया कि अमेरिका पहले ही ईरान पर बमबारी कर रहा है। साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा कि अब ईरान की हवाई सीमा (स्काई) पर अमेरिका और इजराइल का पूरा कंट्रोल है। इसका मतलब है कि अमेरिका शायद ईरान में जमीनी स्तर पर पहले ही एक्टिव हो चुका है।
रूस और चीन क्या करेंगे?
अभी के हालात देखकर लगता है कि रूस फिलहाल ईरान की मदद नहीं कर रहा। यूक्रेन युद्ध में उलझे होने की वजह से रूस चुप है, जबकि पहले उसने सीरिया की रक्षा की थी। हालांकि, चीन के दखल की आशंका बनी हुई है। कई अमेरिकी रणनीतिकार मानते हैं कि अगर अमेरिका-ईरान तनाव और बढ़ा, तो चीन इस युद्ध में कूद सकता है।
ट्रंप पर परमाणु हमला करने का दबाव?
डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक और पूर्व इजराइली राजदूत माइक हकबी ने उन्हें एक मैसेज भेजा, जिसमें कहा गया कि ट्रंप के पास इतिहास में नाम दर्ज कराने का मौका है, जैसे 1945 में अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमन ने जापान पर परमाणु हमला कर वर्ल्ड वॉर II खत्म कराया था।
इस संदेश से अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या ट्रंप पर दबाव है कि वे भी ईरान पर किसी बड़े हमले का आदेश दें — चाहे वो परमाणु हमला न हो, पर इतना जबरदस्त हो कि दुनिया दहल जाए।
क्या ईरान बन जाएगा मुस्लिम वर्ल्ड का हीरो?
अगर अमेरिका और इजराइल ने हमला किया और ईरान ने उसे झेल लिया, तो वह पूरे मुस्लिम वर्ल्ड में एक हीरो और प्रतीक के रूप में उभरेगा। पहले भी अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान पर कई बार प्रतिबंध, धमकी और वैज्ञानिक हत्याएं कर चुके हैं, लेकिन ईरान अब तक मजबूती से खड़ा है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की हालिया बयानबाज़ी और रणनीतिक संकेत बेहद खतरनाक दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं। अगर चीन या रूस ने हस्तक्षेप किया, तो यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय युद्ध बन सकता है। ऐसे में आने वाले कुछ दिन दुनिया की शांति के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।