Andhera एक अनदेखी ताकत धीरे-धीरे लोगों को अपना शिकार बना रही है। इस कहानी में एक जांबाज़ पुलिस ऑफिसर और एक घबराया हुआ मेडिकल स्टूडेंट, शहर को अंधेरे के चंगुल से बचाने की कोशिश करते हैं। सुनने में कहानी दिलचस्प लगती है, लेकिन शो देखने पर अनुभव अलग रहा।
Andhera कहानी और प्लॉट
शुरुआत में Andhera सीरीज़ थोड़ी-बहुत दिलचस्प लगती है, लेकिन जैसे-जैसे एपिसोड आगे बढ़ते हैं, जुड़ाव कम होने लगता है। यह शो हॉरर कैटेगरी में आता है, इसलिए उम्मीद थी कि डर और थ्रिल दोनों का मज़ा मिलेगा, लेकिन हॉरर के नाम पर कुछ खास पेश नहीं किया गया।
पहले ही एपिसोड में साफ हो जाता है कि ज़्यादातर डराने वाले पल सपनों और हेलुसिनेशन पर आधारित हैं। पांचवें एपिसोड में असली सच और एक्सपेरिमेंट्स की कहानी सामने आती है, लेकिन वह भी उतनी रोमांचक नहीं लगती।
Andhera हॉरर या साइकोलॉजिकल थ्रिलर?
अगर आप हॉरर के दीवाने हैं, तो यह Andhera आपको निराश कर सकता है, क्योंकि यहां भूत-प्रेत का डर कम और दिमागी खेल ज्यादा है। भूत पकड़ने वाली मशीन, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड का कैच करना, और कॉमिक बुक जैसी सबप्लॉट्स – ये सब अच्छे आइडिया थे, लेकिन निष्पादन कमजोर रहा।
सातवें एपिसोड का ट्विस्ट थोड़ा बेहतर हो सकता था, लेकिन समग्र रूप से प्लॉट कमजोर और बचकाना महसूस होता है।

परफॉर्मेंस और टेक्निकल पहलू
कलाकारों ने ठीक-ठाक काम किया है, खासकर सुरवीन चावला, पराजक्ता कोली और प्रिया बापट। प्रोडक्शन क्वालिटी और सिनेमैटोग्राफी हाई बजट का अहसास कराती है, डायरेक्शन कई बॉलीवुड फिल्मों से बेहतर है। राइटिंग और प्रोडक्शन टीम को विजुअल प्रेजेंटेशन के लिए क्रेडिट मिलना चाहिए।
किनके लिए है यह शो?
अगर आपको पारानॉर्मल एक्टिविटीज़, सस्पेंस और माइंड-गेम वाले थ्रिलर्स पसंद हैं, तो यह सीरीज़ आपको एक हद तक एंटरटेन कर सकती है। यहां हॉरर से ज्यादा फोकस सस्पेंस, कैरेक्टर की कशमकश और पुलिस इन्वेस्टिगेशन पर है।
निष्कर्ष
- प्लस प्वाइंट्स: शानदार प्रोडक्शन वैल्यू, अच्छी सिनेमैटोग्राफी, डायरेक्शन बेहतर
- माइनस प्वाइंट्स: कमजोर हॉरर एलिमेंट्स, लंबा और धीमा प्लॉट, कहानी में ठोस दम की कमी
- रेटिंग: ⭐⭐/5
अगर आप बिना ज्यादा हॉरर और थोड़े सस्पेंस वाले शो देखना पसंद करते हैं, तो इसे एक बार आज़मा सकते हैं। लेकिन अगर असली डर की तलाश है, तो यह सीरीज़ शायद आपकी उम्मीदों पर खरी न उतरे।
Andhera 2025 Cast
- सुरवीन चावला
- प्राजक्ता कोली
- प्रिया बापट
- करणवीर मल्होत्रा
- परवीन डबास
- वत्सल सेठ
- प्रणय पचौरी
- भावेश पाटिल
निर्माण और निर्देशन
शो का निर्माण और निर्देशन सराहनीय है। हाई बजट का असर साफ दिखता है। मुंबई की चमकती रातों को खूबसूरती से कैमरे में कैद किया गया है। कई जगह निर्देशन बड़े बॉलीवुड फिल्मों से भी बेहतर लगता है। लेखन और निर्माण में मेहनत नजर आती है, लेकिन कमजोर कहानी के सामने सब बेअसर हो जाता है।
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