Iran को मिल सकते हैं न्यूक्लियर हथियार; Operation Midnight Hammer के बाद रूस का बड़ा ऐलान.

USA द्वारा Iran पर ‘Operation Midnight Hammer‘ के तहत किए गए हमले के बाद रूस ने बड़ा दावा किया है—ईरान को न्यूक्लियर हथियार देने की तैयारी। जानिए कैसे बदल सकता है वैश्विक शक्ति संतुलन।

B-2 Stealth Bomber
B-2 Stealth Bomber

ईरान पर अमेरिका का हमला और रूस की प्रतिक्रिया

2025 के सबसे चौंकाने वाले सैन्य अभियान Operation Midnight Hammer के तहत अमेरिका ने ईरान की गुप्त परमाणु साइट्स को निशाना बनाते हुए B-2 Stealth Bomber विमानों से 30,000 पाउंड के GBU‑57 बंकर बस्टर बम गिराए। इसका मकसद था ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को तबाह करना।

GBU‑57
GBU‑57

🎯 लक्षित ठिकाने:

  • Fordow न्यूक्लियर फैसिलिटी
  • Natanz न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स
  • Isfahan यूरेनियम प्रोसेसिंग यूनिट

लेकिन इस हमले के कुछ घंटों बाद ही, दुनिया की नजरें घूम गईं रूस की ओर।

Russia की प्रतिक्रिया: “ईरान को देंगे न्यूक्लियर हथियार”

रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव ने एक विस्फोटक बयान में कहा:

“अब समय आ गया है कि हम ईरान को न्यूक्लियर वॉरहेड्स से लैस करें।”

उनके अनुसार, कई देश तैयार हैं ईरान को न्यूक्लियर हथियार देने के लिए। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • रूस खुद
  • नॉर्थ कोरिया
  • बेलारूस (जहां रूस ने अपने हथियार पहले ही तैनात किए हैं)
  • चीन (सीक्रेट तरीके से)

क्या स्ट्रेट ऑफ हरमूस बंद करेगा ईरान?

ईरानी संसद ने पास कर दिया है प्रस्ताव कि यदि आवश्यक हुआ तो स्ट्रेट ऑफ हरमूस को ब्लॉक किया जाएगा—जहां से दुनिया का 20% ऑयल गुजरता है।

लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने चेतावनी दी:

“अगर ईरान ने यह किया, तो वह आर्थिक आत्महत्या करेगा। इससे सबसे बड़ा नुकसान चीन, भारत और जापान को होगा।”

इसीलिए माना जा रहा है कि ईरान यह कदम सोच-समझकर ही उठाएगा।

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की रणनीति
  • डिकॉय मिशन: अमेरिका ने कुछ बमबर्स डिएगो गार्सिया से उड़ाए जो केवल ईरान को भ्रमित करने के लिए थे।
  • मुख्य हमलावर: अटलांटिक पार करते हुए B‑2 बमबर्स ने इजराइल के पास इन-एयर रिफ्यूलिंग ली और बिना लैंड किए सीधे हमला किया।
क्या ये युद्ध लंबा चलेगा?

ईरान ने 6 महीने की तैयारी कर ली है। रूस का मानना है कि यह संघर्ष 1 वर्ष या उससे ज्यादा चल सकता है, जैसा यूक्रेन-रूस युद्ध।

निष्कर्ष: क्या दुनिया एक न्यूक्लियर संकट की ओर बढ़ रही है?
  • रूस और ईरान मिलकर अमेरिका-इजराइल के खिलाफ खड़े हो रहे हैं।
  • परमाणु हथियारों की सप्लाई की चर्चा अब खुलकर हो रही है।
  • अगर स्ट्रेट ऑफ हरमूस ब्लॉक हुआ, तो यह पूरी दुनिया की ऑयल इकॉनमी को हिला सकता है।

यह निश्चित है कि “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के बाद दुनिया एक नए भू-राजनीतिक युग में प्रवेश कर चुकी है।


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