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European Union Imposes First Sanction on India’s Nayara Refinery; यूरोपीय यूनियन का नया प्रतिबंध और भारत की रिफाइनरी पर सीधा असर

कल (18 जुलाई 2025) यूरोपीय संघ (EU) ने रशिया के खिलाफ अपना 18वां प्रतिबंध-पैकेज जारी किया। इस बार सबसे खास पहलू यह है कि इसके तहत भारत की वाडिनार, गुजरात स्थित नायरा एनर्जी रिफाइनरी को टारगेट किया गया – यह पहला अवसर है जब EU ने सीधे किसी भारतीय इंडिपेंडेंट कंपनी पर प्रतिबंध लगाए।

क्या है नया प्रतिबंध?

यूक्रेन युद्ध को तीन साल से अधिक हो चुके हैं। इतने वर्षों में EU ने धीरे-धीरे करके रूस पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन कभी भी पूरी तरह से कठोर और व्यापक प्रतिबंध एकसाथ नहीं लगाए गए। आखिर क्यों? क्योंकि यूरोप खुद रूस के तेल और गैस पर गहराई से निर्भर था।

लेकिन अब, जब यूरोप ने खुद को काफी हद तक रूसी ऊर्जा स्रोतों से स्वतंत्र कर लिया है, तो उसने कड़े कदम उठाए हैं – और इसका सीधा असर पड़ा है भारत की एक निजी रिफाइनरी पर।

European Union Kaja Kallas

EU द्वारा हाल ही में लागू किया गया 18वां प्रतिबंध पैकेज मुख्य रूप से रूसी ऑयल और उससे जुड़े कारोबार पर केंद्रित है।

  1. रूसी कच्चे तेल की कीमत की सीमा घटाकर $47.6 प्रति बैरल कर दी गई है, जो पहले $60 थी।
  2. रूसी कच्चे तेल से बने पेट्रोलियम उत्पादों के यूरोप में आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  3. विदेशी रिफाइनरियों और शिपिंग कंपनियों को निशाना बनाया गया है जो रूसी कच्चे तेल का उपयोग करती हैं।
  4. ‘शैडो फ्लीट’ और रूस से जुड़े समुद्री परिवहन ऑपरेटर्स पर भी कार्रवाई की गई है।

भारत की वाडिनार रिफाइनरी क्यों निशाने पर आई?

गुजरात के द्वारका जिले में स्थित वडिनार रिफाइनरी, जिसे Nayara Energy संचालित करती है, भारत की सबसे बड़ी निजी रिफाइनरियों में से एक है। यह रिफाइनरी रूस की सरकारी तेल कंपनी Rosneft के 49.1% स्वामित्व में है। नयारा एनर्जी पहले एस्सार ऑयल के नाम से जानी जाती थी।

EU का आरोप है कि नयारा एनर्जी रूसी क्रूड तेल का उपयोग करके रिफाइनिंग करती है और इससे बने उत्पाद यूरोप को निर्यात करती है। पहले EU के सेंशंस में इस तरह के लूपहोल थे, जिसके कारण रूसी तेल भारत में रिफाइंड होकर यूरोप पहुंच रहा था। लेकिन अब 18वें सेंशंस पैकेज के तहत, नयारा एनर्जी से रूसी क्रूड आधारित उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, यूरोपीय कंपनियां नयारा को परिवहन, बीमा, या वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करेंगी।

भारत का जवाब: डबल स्टैंडर्ड का आरोप

भारत सरकार ने EU के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है:

भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है और सभी आवश्यक कदम उठाएगा भारतीय हितों की रक्षा के लिए।

भारत पर प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव:

नकारात्मक प्रभाव:

वैश्विक प्रभाव

रूस के लिए नुकसान: रूस को अपने तेल के लिए नए खरीदार ढूंढने होंगे, जो उसकी आय को और कम कर सकता है।

वैश्विक रिफाइनरियों पर प्रभाव: प्राइस कैप में कमी के कारण रूस से तेल खरीदने वाले देशों को अपनी क्रूड सोर्सिंग रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।

भारत-EU संबंधों पर तनाव: यह सेंशंस भारत और EU के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ताओं को प्रभावित कर सकता है।

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