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Ullu & ALT Government Crackdown On OTT: 25 OTT Platforms पर बैन, अश्लील कंटेंट पर लगाम

भारत सरकार ने 25 OTT Platforms ( Ullu, ALT )पर बैन, अश्लील कंटेंट पर लगाम पर बैन लगाया है जो एडल्ट रोमांस के नाम पर सॉफ्ट पोर्न और अश्लील कंटेंट दिखा रहे थे। जानिए इस एक्शन की वजह, संबंधित कानून, प्रभावित प्लेटफॉर्म्स और समाज की प्रतिक्रिया।

Ullu & ALT Government Crackdown On OTT: 25 OTT Platforms

क्या है मामला? सरकार ने क्यों बैन किए 25 OTT प्लेटफॉर्म्स?

भारत सरकार ने देश में मौजूद 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (OTT Platforms) पर नेशनवाइड बैन लगा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information & Broadcasting) ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स पर एडल्ट रोमांस के नाम पर सॉफ्ट पोर्न (Soft Porn) और सेक्सुअली एक्सप्लिसिट कंटेंट (Sexually Explicit Content) दिखाया जा रहा था, जो भारतीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।

किन कानूनों का हुआ उल्लंघन?

1. आईटी एक्ट 2000 – सेक्शन 69A (IT Act Section 69A)

सरकार को अधिकार है कि वह किसी भी ऐसे डिजिटल कंटेंट को ब्लॉक कर सके जो भारत की संप्रभुता, अखंडता, पब्लिक ऑर्डर या नैतिक मूल्यों के खिलाफ हो।

2. आईटी रूल्स 2021 (IT Rules 2021)

OTT प्लेटफॉर्म्स को Code of Ethics फॉलो करना होता है। इन नियमों का पालन न करने पर कंटेंट या प्लेटफॉर्म को ब्लॉक किया जा सकता है।

3. Indecent Representation of Women Act, 1986

यदि किसी महिला को अपमानजनक, ऑब्जेक्टिफाइंग या इनडिसेंट तरीके से दिखाया जाता है, तो वह आपराधिक कृत्य माना जाता है।

4. भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS 2023)

यह नया कानून साइबर क्राइम्स, डिग्निटी व वुमेन प्रोटेक्शन से जुड़े अपराधों को स्पष्ट करता है।

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किन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन?

बैन किए गए कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म्स में शामिल हैं:

कैसे हो रहा था नियमों का उल्लंघन?
सरकार ने कैसे किया क्रैकडाउन?
क्या बड़े OTT प्लेटफॉर्म्स भी प्रभावित हुए?

नहीं। Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar, Zee5 जैसे मुख्यधारा के OTT प्लेटफॉर्म्स इस एक्शन से प्रभावित नहीं हुए क्योंकि वे सेल्फ-रेगुलेशन मॉडल को फॉलो करते हैं और IT Rules 2021 के अंतर्गत डिजिटल पब्लिशर्स कंटेंट ग्रीवियंस काउंसिल (DPCGC) से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत सरकार द्वारा 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाना न सिर्फ डिजिटल क्षेत्र में साफ-सफाई की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह देश की युवा पीढ़ी और समाज की नैतिक संरचना की रक्षा भी करता है। हालांकि, इसे लागू करते समय ट्रांसपेरेंसी, गाइडलाइंस और न्यायिक समीक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि फ्री स्पीच और क्रिएटिव इंडस्ट्री को अनावश्यक नुकसान न पहुंचे।

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