श्रीनगर: भारतीय सेना द्वारा लॉन्च किया गया Operation Mahadev आज़ादी के पहले बड़ा जवाब बना है 2 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का। इस हमले में निर्दोष 26 हिंदू तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मासूम औरतें और बच्चे तक आतंक की इस साजिश का शिकार बने थे।
अब, महीनों की रणनीतिक योजना और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर, भारतीय सेना, CRPF, और J&K पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप ने मिलकर पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को श्रीनगर के पास हार्वन फॉरेस्ट में एक एनकाउंटर में मार गिराया है।
पहलगाम हमले का खौफनाक मंसूबा
पहलगाम, कश्मीर घाटी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल और अमरनाथ यात्रा का प्रवेश द्वार, 2 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों के निशाने पर था। बैसरन वैली में आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों और ग्रेनेड्स के साथ हिंदू तीर्थयात्रियों और पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया गया, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। हमले के बाद आतंकवादी जंगल में भाग गए थे और तब से उनकी तलाश जारी थी।
ऑपरेशन महादेव: आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम
भारतीय सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप ने खुफिया जानकारी के आधार पर हार्वन जंगल में संयुक्त अभियान शुरू किया। यह क्षेत्र घने जंगल और कठिन भूभाग के लिए जाना जाता है, जिसके कारण ड्रोन और विशेष ऑपरेशन इकाइयों की मदद ली गई। लगभग छह घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया। इनमें सुलेमान शाह, जो पाकिस्तान सेना का पूर्व कमांडो था, और दो अन्य आतंकी यूनुस और आसिफ शामिल थे, जो क्रमशः लॉजिस्टिक्स हैंडलर और स्नाइपर थे।
- एनकाउंटर में कुल 3 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए
- M4 कार्बाइन, AK-सीरीज़ राइफल्स, GPS डिवाइसेस, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन गियर बरामद
- इंटेलिजेंस लीड ऑपरेशन में NTRO, RAW और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने निभाई बड़ी भूमिका
- ऑपरेशन अभी भी जारी है, और अन्य आतंकी संभावित ठिकानों की तलाश की जा रही है
ऑपरेशन सिंदूर से महादेव तक: आतंक के खिलाफ भारत का जवाब
2 अप्रैल के हमले के बाद मई 2025 में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में 14 आतंकवादियों की सूची तैयार की गई थी, जिनमें से छह को तीन सप्ताह के भीतर ढेर कर दिया गया था। हालांकि, पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ता तब तक फरार थे। ऑपरेशन महादेव, जो खुफिया जानकारी पर आधारित एक व्यापक अभियान का हिस्सा है, ने इन आतंकियों को न्यूट्रलाइज करने में सफलता हासिल की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, “भारत कठोर और स्मार्ट तरीके से आतंकवाद का जवाब देगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगा।
कौन था सुलेमान शाह: आतंक का चेहरा
सुलेमान शाह, जिस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ₹20 लाख का इनाम रखा था, लश्कर-ए-तैयबा और TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का प्रमुख कमांडर था। टीआरएफ, जिसे लश्कर का ही एक हिस्सा माना जाता है, को हाल ही में अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया था। सुलेमान का पाकिस्तानी सेना से संबंध और उसका ब्रेनवाश कर भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होना, पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन को उजागर करता है।
- पाकिस्तान आर्मी की एलिट यूनिट का पूर्व कमांडो
- लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल कमांडर
- भारत विरोधी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) को लीड कर रहा था
- उसके ऊपर ₹20 लाख का इनाम घोषित था
- इंडियन इंटेलिजेंस के मुताबिक, उसने पहलगाम नरसंहार की साजिश रची और उसे अंजाम दिया
रणनीतिक महत्व और भविष्य की राह
ऑपरेशन महादेव का उद्देश्य न केवल पहलगाम हमले के दोषियों को सजा देना था, बल्कि श्रीनगर में आतंकी स्लीपर सेल्स को नष्ट करना और भविष्य के हमलों को रोकना भी था। खुफिया एजेंसियों, जैसे रॉ और एनटीआरओ, ने सीमा पार संचार और गतिविधियों को ट्रैक कर बहावलपुर और मुजफ्फराबाद तक आतंकियों की लोकेशन का पता लगाया।
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने हाल ही में जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और भविष्य में सूचना, प्रौद्योगिकी, और स्कॉलर वॉरियर्स की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए आतंकवाद के खिलाफ सटीक और प्रभावी रणनीति अपनानी होगी।
निष्कर्ष
ऑपरेशन महादेव न केवल एक सैन्य अभियान है, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। यह ऑपरेशन कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे स्वतंत्रता दिवस और अमरनाथ यात्रा नजदीक आ रही है, भारत ने अपनी सैन्य और खुफिया क्षमताओं को और मजबूत कर लिया है ताकि कोई भी आतंकी साजिश कामयाब न हो सके।